पृथ्वी के करीब से इस हप्ते पांच एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) होकर गुजरने वाले हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसकी जानकारी दी है। नासा ने इसके साथ यह भी बताया कि पिछले हफ्ते ही एक एस्टेरॉयड पृथ्वी और चंद्रमा के बीच से होकर गुजरा है। वैज्ञानिक उसे ट्रैक करने में चूक गए। नासा ने बताया कि ऐसी गलती बहुत भारी पड़ सकती है।

एयरोप्लेन के आकार के हैं एस्टेरॉयड
इन पांच एस्टेरॉयड में एक का आकार 46 फीट और बाकी का 130 से 180 फीट तक का है, जो किसी एयरोप्लेन के बराबर है। ये एस्टेरॉयड पृथ्वी से आठ लाख 59 हजार से 41 लाख मील की दूरी से होकर निकलेंगे। इस वजह से इसको लेकर ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है।

पृथ्वी के करीब से निकला था एस्टेरॉयड '2020 एलडी'
नासा ने बताया कि एक चिंता की बात है कि पांच जून को एक एस्टेरायड पृथ्वी से 1 लाख 90 हजार मील की दूरी से होकर निकला और किसी को इसकी खबर नहीं लगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि एस्टेरॉयड '2020 एलडी' पृथ्वी और चंद्रमा के बीच से होकर निकला था। इसका आकार 400 फीट था।

वैज्ञानिकों को सात जून तक इसके बारे में कोई खबर नहीं थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि हालांकि, यह एस्टेरॉयड ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन यह 2013 में साइबेरिया में कहर बरपाने वाले चेल्याबिंस्क सैटेलाइट से बड़ा था।

13 अप्रैल 2029 को बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराने की आशंका
खगोलविदों के अनुसार 1640 फीट या उससे ज्यादा बड़े एस्टेरॉयड का एक लाख 30 हजार साल में एक बार पृथ्वी से टकराने का अनुमान होता है। 13 अप्रैल 2029 को एस्टेरॉयड '99942 एपोफिस' पृथ्वी के बिल्कुल करीब से निकलेगा। यह पृथ्वी से टकरा भी सकता है या फिर कुछ उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस एस्टेरॉयड का आकार 1100 फीट का है।

अगला एस्टेरॉयड बेन्नू है। इसका आकार 1610 फीट है। यह 2175 ले 2199 के बीच पृथ्वी के करीब से होकर गुजरेगा। नासा का कहना है कि वह काइनेटिक इम्पैक्टर के जरिए इन एस्टेरॉयड को पृथ्वी के करीब आने से पहले ही नष्ट कर देगा। इसमें एस्टेरायड के रास्ते में स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा, जो एस्टेरॉयड को नष्ट कर देगा या उसकी दिशा को बदल देगा। नासा इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल 2026 में करने जा रहा है।



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NASA Latest News; five Asteriod Pass by the earth

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