बीसीसीआई आईपीएल के मौजूदा सीजन के टाइटल स्पॉन्सर के लिए जल्द टेंडर मंगा सकता है। बोर्ड ने वीवो को हटाने को लेकर गुरुवार को ऑफिशियल ऐलान किया। हालांकि, करार 2022 तक का है। अब कंपनी से अगले सीजन में नए सिरे से करार हो सकता है। वीवो हर साल बतौर स्पॉन्सर 440 करोड़ रुपए देता है। नए टाइटल स्पॉन्सर की रेस में बायजू, अमेजन, रिलायंस जियो और कोका कोला इंडिया हैं।

हालांकि, कोराेना के कारण अभी कंपनियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में नए करार से बोर्ड को 440 करोड़ रुपए मिलना मुश्किल है। बायजू टीम इंडिया की पहले से स्पॉन्सर है। पिछले दिनों कंपनी ने विभिन्न निवेशकों से 3700 करोड़ रुपए जुटाए हैं। बायजू के अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने डील के लिए 300 करोड़ रुपए रखे हैं।

कोका कोला इंडिया ने कहा कि हम क्रिकेट में लगातार इन्वेस्ट करते रहना चाहते हैं। हम अभी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। किसी नतीजे पर पहुंचने के पहले हम और इंतजार कर रहे हैं।

फ्रेंचाइजी गेट मनी और स्पॉन्सरशिप से हाेने वाले नुकसान की भरपाई चाहती हैं

बोर्ड एक ओर वीवो की जगह दूसरे स्पॉन्सर को खोज रहा है। दूसरी ओर कई फ्रेंचाइजी ने अपनी-अपनी मांग रखी है। एक फ्रेंचाइजी गेट मनी से होने वाले नुकसान की भरपाई चाहती है, क्योंकि इस बार मैच बिना फैंस के होंगे। दूसरी ओर एक फ्रेंचाइजी वीवो के हटने के बाद बोर्ड से पैसे मांग रही है। हर फ्रेंचाइजी को स्पॉन्सर की ओर से लगभग 20-20 करोड़ रुपए मिलते थे।

एसओपी को ध्यान में रखना होगा, एक केस से इवेंट बर्बाद हो जाएगा

किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया ने कहा कि भले ही स्पॉन्सर की बात हाे रही है, लेकिन हमें बोर्ड से मिले एसओपी पर कड़ाई से ध्यान देना होगा। क्योंकि अगर एक भी कोविड-19 का केस टूर्नामेंट के दौरान आ गया तो पूरा इवेंट बर्बाद हो जाएगा। मालूम हो कि कई फ्रेंचाइजी ने बोर्ड की ओर से दी गई एसओपी में रियायत मांगी है।



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बोर्ड एक ओर वीवो की जगह दूसरे स्पॉन्सर को खोज रहा है। दूसरी ओर कई फ्रेंचाइजी ने अपनी-अपनी मांग रखी है।

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