द लैंसेट ने भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर चिंता जताई है। ताजा रिपोर्ट में इसने दावा किया है कि भारत का 98% हिस्सा कोरोनावायरस की चपेट में है। अमेरिका के बाद भारत में ही संक्रमण सबसे तेजी से बढ़ रहा है और देश के 640 ज़िलों में से 627 जिले कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, नौ राज्य- मप्र, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात सबसे बुरी तरह संक्रमण से प्रभावित हैं। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अब तक सबसे कम मामले सामने आए हैं।लैंसेट की यह रिपोर्ट सामाजिक-आर्थिक,जनसांख्यिकीय, आवास-स्वच्छता, महामारी विज्ञान और स्वास्थ्य प्रणाली जैसे पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन 9 राज्यों में ध्यान नहीं दिया तो स्थिति और खराब हो सकती है। मध्य प्रदेश में जहां संक्रमण फैलने के खतरे की दर 1 है, वहीं बिहार में 0.971 हो चुकी है। इसके बाद तेलंगाना झारखंड और यूपी भी चिंता का सबब बन सकते हैं।

जिला स्तर पर बनाएं योजनाएंः रिपोर्ट

रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि, ‘भारत में कोरोनावायरस की स्थिति को संभालने के लिए जिला-स्तर पर योजनाएं बनाने और उन्हें लागू किए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही जो इलाके सबसे अधिक प्रभावित हैं उन पर विशेष तौर से ध्यान देने और रणनीति बनाकर काम करने की जरूरत है। वहीं, सबसे ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में फिर से लॉकडाउन या अन्य प्रतिबंध लागू करने की जरूरत है।

अरुणाचल का कुरुंग कुमे सबसे सुरक्षित

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का अरुणाचल और वहां का कुरुंग कुमे जिला सबसे कम खतरे वाला स्थान है। इसके बाद हरियाणा का पंचकूला आता है, जहां संक्रमण का जोखिम कम है। संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मप्र के सतना और बिहार के खगड़िया जिले में है।



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भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अब तक सबसे कम मामले सामने आए हैं।

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