नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन का पलड़ा फिलहाल भारी नजर आता है। कोविड-19 का प्रकोप होने से पहले अर्थव्यवस्था की तेज गति से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा चुने जाने की बहुत संभावना थी।

ऐसे हालात में लगभग सभी सत्तारूढ़ राष्ट्रपति जीतते रहे हैं। लेकिन, इकोनॉमिस्ट के चुनाव मॉडल ने इस समय ट्रम्प के जीतने की संभावना केवल दस प्रतिशत बताई है। ट्रम्प राष्ट्रीय जनमत सर्वे में अपने प्रतिद्वंद्वी से केवल कुछ अंक पीछे थे। अब राष्ट्रपति बहुत मुश्किल में हैं। जो बिडेन ने नौ अंकों की बढ़त हासिल कर ली है। कुछ सर्वे में तो बढ़त और ज्यादा है।

फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन में कड़े मुकाबले
फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन जैसे कड़े मुकाबले के राज्यों में जो बिडेन की स्थिति बेहतर है। बुजुर्ग वोटरों के बीच भी उन्हेें काफी समर्थन मिल रहा है। आश्चर्य की बात है कि कॉलेज न जाने वाले श्वेत वोटर भी उनके साथ जुड़े हैं। वायरस ने बड़ी संख्या में वोटरों को अहसास कराया है कि 74 साल के ट्रम्प राष्ट्रपति पद के काबिल नहीं हैं।

नवंबर के लिए अभी लंबा समय है। यदि कोरोना वायरस ठंडा पड़ता है। अर्थव्यवस्था सुधरती है तो आने वाले दिनों में ट्रम्प के आसार सुधर सकते हैं। अगर वायरस का भीषण प्रकोप जारी रहा। डाक से वोटिंग के पर्याप्त इंतजाम नहीं हुए तब कम वोटिंग के कारण मुकाबला अप्रत्याशित हो जाएगा। कैसी भी स्थिति हो ट्रम्प पहले की तरह विभाजनकारी तौर तरीकों से फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।

अनुभव और नरम रुख जो बिडेन के काम आएगा

  • जो बिडेन 77 वर्ष के हैं लेकिन ट्रम्प की अधिक आयु के कारण यह मुद्दा उनके खिलाफ नहीं जाएगा। वे उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। 1972 में 30 साल से कम आयु में पहली बार सीनेटर बने थे।
  • सर्वे में डेमोक्रेटिक प्रभाव के राज्यों मिशीगन, पेनसिल्वानिया,विस्कांसिन में बाइडेन बहुत आगे हैं। एरिजोना, जार्जिया और टैक्सास जैसे रिपब्लिकन प्रभाव वाले राज्यों में भी वे कड़े मुकाबले में हैं।
  • अनुभव, विनम्रता और मध्य मार्गी झुकाव जो बिडेन की स्थिति को मजबूत बनाता है। लोगों को यह भी लगता है कि वे अमेरिका की पुरानी स्थिति बहाल कर सकते हैं।

बिना कुछ किए अच्छी स्थिति में पहुंचे जो बिडेन
बिडेन बहुत कुछ किए बिना अच्छी स्थिति में पहुंच गए हैं। ट्रम्प की कमजोरी से डेमोक्रेटिक पार्टी को सीनेट में बहुमत मिला है। कोविड-19 और अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की मौत से भड़की सामाजिक अशांति से पहले जो बिडेन अमेरिका और दुनिया को 2016 के पहले की स्थिति में ले जाने की बात कर रहे थे। ट्रम्प इसे खतरा बता रहे हैं। वे वोटर को डरा रहे हैं कि उनका प्रतिद्वंद्वी बुढ़ापे के कारण डगमगाता हुआ मूर्ख है।

उन्हें पुलिस को खत्म करने और हर किसी की गन जब्त करने का इरादा रखने वाले खतरनाक उग्र सुधारवादी बंधक बना लेंगे। कुछ डेमोक्रेट्स जो बिडेन के बारे में इससे उलटा सोचते हैं। उन्हें एक बुजुर्ग के अपने मध्यमार्गी तरीकों में उलझे रहने की आशंका है। वैसे, जो बिडेन ने रंगभेद, धर्म और अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर अपने विचारों में बदलाव किया है। गर्भपात के अधिकारों, स्कूलों में श्वेतों, अश्वेतों को अलग करने जैसे मुद्दों पर ढुलमुल रुख के कारण वामपंथी उन्हें संदेह की निगाह से देखते हैं।

2016 में ट्रम्प की जीत में उनकी बड़ी भूमिका नहीं थी। वह ध्वस्त हो रहे सिस्टम के खिलाफ वंचित लोगों की नाराजगी का इजहार था। लगातार पांच साल से बढ़ रही बेरोजगारी से लोग असंतुष्ट थे। यह अलग समय है, कोरोना वायरस से एक लाख 30 हजार से अधिक अमेरिकियों की मौत हो चुकी है। बेरोजगारी आसमान छू रही है। शालीनता और मर्यादा से जुड़े मध्यमार्गी मूल्य, अनुभव और योग्य लोगों की सलाह पर काम करने की इच्छा जैसे गुण लोगों को आकर्षित कर सकते हैं। जो बिडेन इन मूल्यों की झलक दिखाते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन जैसे कड़े मुकाबले के राज्यों में जो बिडेन की स्थिति बेहतर है। (फाइल)

https://ift.tt/31HFP1j

Post a Comment

أحدث أقدم