उत्तरी लंदन के हर्टफोर्डशायर में रहने वाली29 साल की महिला चार्ली लेलोइन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने सुपरमार्केट से लाएअंडों सेबिना मां बतख के चूजे पैदा किए हैं। चार्ली नेगर्मी देने वाली इनक्यूबेटर मशीन की मदद सेचूजों की हैचिंगकरके अंडों को खाने यान खाने को लेकरबहस खड़ीकर दीहै।
माना जाता है कि आमतौर पर घरों में जो अंडे खाए जाते हैं वे निषेचित नहीं होते हैं। उन्हें पाश्चुरीकरण की प्रक्रिया से भी गुजारा जाता है, जिससेउनसे चूजे निकलना संभव नहीं होता। ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर इस खबर के बहाने बहस कर रहे हैं कि,क्या सामान्य अंडों में निषेचित यानि फर्टिलाइज्ड अंडे भी मिले होते हैं?
कुछ लोग कह रहे हैं कि आज से अंडे खाना बंदऔर कुछ का कहना है कि जानवरों को बचाने वालेPETA जैसे संगठनों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उधर, सुपर मार्केटकम्पनी के प्रवक्ता ने कहा है किफर्टिलाइज्ड अंडे भी सामान्य अंडों की ही तरह खाने के लिहाज से सुरक्षित हाेते हैं।
फोटो स्टोरीमेंचार्ली के एक्सपेरिमेंट और तीन चूजों की पूरी कहानी।
लॉकडाउन के दौरानघर में समय बिता रहीं चार्ली कुछ नया करने के लिए ब्रिटिश सुपरमार्केटसे बतख के अंडे खाने के लिएलेकर आईं। लेकिन, न जाने क्यों मन में आया कि एक एक्सपेरिमेंट करके देखते हैं।इसका आइडिया उन्हें फेसबुक पर एक वीडियो से मिला, जिसमें एक महिला ने बटेर के अंडों की इसी तरह से देखभाल की थी और कुछ समय बाद उसमें सचमुच चूजे पैदा हो गए थे।
चार्ली पेशे से एक शोरूम की असिस्टेंट मैनेजर हैं। उनका कहना है मैं सुपरमार्केट गई थी, वहां बतख के अंडे रखे हुए देखे। पहले इसे खाने के लिए ला रही थी, फिर मैंने सोचा कि जब बटेर के अंडों से ऐसा हो सकता है तो बतख के अंडे भी काम करेंगे। शुरू में तो मैंकाफी उत्साहित हुईं लेकिन, बाद में मन में आया कि ये अंडे तो सुपरमार्केट के हैं, क्या इनमें से बच्चे निकलेंगे, लेकिन मैंने अपनी मां से बात की और अंडे खरीद कर ले आई।
चार्ली कहती हैं, इसके बाद इन्हें हर रोज कुछ देर के लिए इनक्यूबेटर में रखा। 6 दिन के बाद मुझे पहली बार एक अंडे में वेन्स और भ्रूण जैसा दिखने लगा। मैं जोश में आ गई कि मैं सही कर रही हूं। फिर, ऐसा पूरे एक महीने तक चला। कई बार तो मैं घंटों तक उनके पास बैठे उन्हें निहारती रही और सो भी नहीं पाई।
चार्ली कहती हैं, कुछ समय बाद उसमें हल्की सी आवाज सुनाई दी, पास जाकर देखा तो सचमुच एक चूजा हैचिंग कर रहा था, और शेल तोड़कर बाहर निकल रहा था। यह देखना एक अद्भुत अनुभव था। ऐसा करने की वजह थी क्योंकि मैं काफी बोर हो रही थी। अचानक मिली छुटि्टयों के दिनों में यह बेहतरीन अनुभव साबित हुआ। सामान्य दिनों में ऐसा कर पाना और उनकी देखभाल करना सम्भव नहीं था।
दुनियाभर में यह घटना बहस का विषय बन गई है कि क्या घर में वाकई अंडों से चूजों को निकाला जा सकता है और जो अंडे लोग खाते हैं उनसे भी ऐसा हो सकता है? अंडे बेचने वाली ब्रिटेन की सुपरमार्केट ने इस घटना को अजूबा बताया है। सुपरमार्केट कम्पनी के प्रवक्ता का कहना है, यह घटना हैरान करने वाली है। मैंने ऐसी घटना के बारे में पहले नहीं सुना।
प्रवक्ता के मुताबिक, सफेद पंखों वाली इन अंडे देने वाली बतखों में नर और मादा की अलग-अलग पहचान करना मुश्किल होता है, फिर भी कर्मचारी फार्म में इन्हें अलग रखने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि उनके बीच मैटिंग न हो और अंडों के फर्टिलाइजेशन को रोका जा सके। लेकिन, लगता है किसी गलती से ऐसा हुआ है और यह बात अंडों से शुरू होकर चूजों के निकलने तक पहुंच गई।
चार्ली कहती हैं, मैंने इन तीनों चूजों को इनकी आवाज के हिसाब से नाम भी रखे हैं। मैं इन्हें बीप, पीप और मीप कहकर बुलाती हूं। मैं इन्हें बाहर किसी नदी या जंगल में नहीं छोड़ूंगी, क्योंकि मुझे बताया गया है कि बिना मां के ये वहां नहीं रह पाएंगे। इन्हें मैं अपने घर में पालतू खरगोश के साथ रखूंगी। अब ये मेरे लिए घर के बाकी सदस्यों जैसे हैं।
सोशल मीडिया पर बहस के बीच, ये करने वाली चार्ली का कहना है अंडों से बतखों के निकलने का 30 दिन का सफर आसान नहीं था, लेकिन यह मेरे लिएथका देने वाला काम था, पर ये सफरकाफी दिलचस्परहा और अब सब इसके बारे में बात कर रहे हैं। अब मैंने इनका सोशल मीडिया डेब्यू भी करा दिया है ताकि सब इनकी कहानी जान सके।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
https://ift.tt/2YAnKPD
Post a Comment