कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश खासा चर्चा में रहा है। इस दौरान प्रवासी मजदूरों को राज्य में वापस बुलाने और उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए एक ओर जहां राज्य सरकार को तारीफें मिलती रहींतो वहीं इन्हीं मजदूरों को लाने के लिए कांग्रेस की बसों को परमिट न देने, शिक्षक भर्ती घोटाले और लॉकडाउन से पहले नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को दबाने के तरीकों को लेकर आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी हैं।

इन्हीं सभी मुद्दों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दैनिक भास्कर से चर्चा की। पांच कालीदास मार्ग स्थित उनके निवास पर हुई चर्चा के प्रमुख अंश...

1. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने किस तरह काम किया?
हमने 23 मार्च को प्रदेश के 16 जिलों में लॉकडाउन लगाया था। फिर 25 मार्च से तो पूरे देश में ही लॉकडाउन लग गया। देश के अंदर उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले कामगार, श्रमिकों के लिए एक व्यवस्था बनाई।

हम लोगों ने अधिकारियों की टीम-11 का गठन किया, जिसमें चीफ सेक्रेटरी से लेकर सभी विभागों के सेक्रेटरी शामिल हैं। हमारी यह टीम 25 मार्च से लेकर आज भी नियमित डेढ़ से दो घंटे की बैठक करती है।इसके साथ ही मैं हर सप्ताह जिले की टीम के साथ संवाद करता हूं, क्योंकि असली कार्य जिलों में ही होना है।

प्रतिदिन जिले से रिपोर्ट आती है, क्वारैंटाइन सेंटर्स से रिपोर्ट आती है। जिला प्रशासन से टेलीफोन पर संवाद होता है। आवश्यकता पड़ती है तो हमारे मंत्रिगण और अधिकारी विजिट करते हैं। जहां भी हमें थोड़ा क्रिटिकल लगता है तो वहां स्पेशल टीम भेजी जाती है। यह हमारा पिछले ढाई-तीन महीने के दौरान की पूरी कार्यवाही है।

2. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार की क्या योजनाएं हैं?
उत्तर प्रदेश में 35 लाख से अधिक प्रवासी कामगार और श्रमिक आए हैं। इन सभी का स्किल मैपिंग का कार्य हो चुका है और जिन कामगारों की क्वारैंटाइन की अवधि समाप्त हो रही है, उन सभी को रोजगार सेवा योजना या स्वत: रोजगार से जोड़ने की कार्यवाही भी प्रारंभ हो चुकी है। श्रमिकों के हुनर और रोजगार के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया गया है।

3. वर्तमान में उद्योगों को ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं है, ऐसे में रोजगार कैसे उपलब्ध होंगे?
देश के अंदर सबसे ज्यादा एमएसएमई (सुक्ष्म, लघू और मध्यम उद्योग) उत्तर प्रदेश में ही हैं। लाइसेंस वाले एमएसएमई की संख्या 9.5 लाख है और बिना लाइसेंस वालों की संख्या 80 लाख से ज्यादा होगी। जितने भी एमएसएमई हैं, उनमें एक से लेकर 10 तक नए लोगों को रोजगार से जोड़ना है।

अब तक जो एमएसमएई और बड़े उद्योग चालू किए हैं, इनमें 35 लाख लोग काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि अगले 10 दिन में इनमें 12 से 15 लाख और रोजगार जुड़ जाएं। इनको बैंकों के साथ जोड़कर लोन दिलाने की व्यवस्था का प्रयास भी हम कर रहे हैं।

केंद्र के द्वारा एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित हुआ है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था जिसने तत्काल अगले दिन ही 57 हजार एमएसएमई यूनिटों को लोन दिलाने की व्यवस्था की। एक ही दिन में हमने 2002 करोड़ का लोन उपलब्ध करवाया था।

4. अनामिका शुक्ला शिक्षक भर्ती घोटाला, 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला और पशुधन में टेंडर घोटाले आपकी सरकार में सामने आए हैं, आपने क्या कार्यवाही की?
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं बल्कि फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने के मामले हैं। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में संविदा के आधार पर नियुक्ति होती है। हम लोगों ने फरवरी में एक ऐप विकसित किया था और ऐप के माध्यम से सबका रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया तो यह सब गलतियां पकड़ी गईं। ये किसी और ने नहीं बल्कि हमने ही पकड़ी और अब कार्यवाही कर रहे हैं।

जहां तक 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला है, वह ट्रांसपेरेंट तरीके से बढ़ी हुई प्रक्रिया है। हां, कुछ लोग हैं जो उस भर्ती की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ना देना चाहते हैं क्योंकि उनके निहित स्वार्थ है। इन लोगों की उसके माध्यम से चंदा उगाही होती है।

जनवरी 2019 में परीक्षा हो चुकी है और उसकी शिकायत मई 2020 में आती है। आखिर डेढ़ साल तक आप क्या कर रहे थे? यह चार-पांच जिलों का मामला था, इसलिए हमने एसटीएफ से जांच कराने का आदेश दिया।

सीएम योगी का कहना है किपशुपालन घोटाला वास्तव में एक फर्जीवाड़ा है। इंदौर के एक व्यक्ति को टेंडर देने के नाम पर बुलवाया गया, उससे पैसे लिये गए। एसटीएफ इस मामले की भी जांच कर रही है। इसमें सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं और सबके खिलाफ कार्यवाही की जा चुकी है।

5. प्रदेश सरकार ने पुलिस, शिक्षक भर्ती जैसी कई प्रक्रियाएं शुरू कीं लेकिन ये कोर्ट में उलझकर रह गई हैं?
1.37 लाखपुलिस की भर्ती हो चुकी है, उसमें कोई बाधा नहीं है। शिक्षकों की 69 हजार भर्ती पहले आईथीं, उसमें से 42 हजार ने ज्वॉइन कर लिया है और विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। 69 हजार शिक्षकों की भर्ती इस समय न्यायालय में पेंडिंग है। हाईकोर्ट में हमारे पक्ष में फैसला हुआ है।न्यायालय जो फैसला करेगा उस आधार पर भर्ती होगी। हम निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती करेंगे।

6. विपक्ष आरोप लगाता है कि योगी सरकार धर्म के मामले में पूर्वाग्रह से कार्य करती है? आप क्या मानते हैं?
हमने कोई पूर्वाग्रह नहीं किया है। एक सिंगल मामला भी ऐसा नहीं है कि हमने कोई दुराग्रह से कार्य किया है। हम सुरक्षा सबको देंगे, सम्मान सबका करेंगे। शासन की योजना का लाभ सब तक पहुंचाएंगे, बिना भेदभाव के पहुंचाएंगे। लेकिन जाति, मत, मजहब, क्षेत्र या भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। किसी का तुष्टीकरण भी नहीं करेंगे। मुझे लगता है कि हमारे तीन वर्ष के सफलतम कार्यकाल में हर एक तबके ने सरकार की योजनाओं का लाभ पाया है।

7. राज्य सरकार ने नागरिकता संशोधन का विरोध करने वालों के सरे राह पोस्टर लगाए, कोर्ट ने इंटरवीन किया तो आप कानून ले आए?
(बीच में टोकते हुए) देखिए वह किसी जाति, मत या मजहब के लिए नहीं, सरकारी संपत्ति को गैंग बनाकर के नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे तत्वों के खिलाफ है, जिन्हें कानून का भय नहीं। हम लोगों ने ये कार्यवाही कानून के दायरे में रहकर की है।

8. भाजपा नेता अब राम मंदिर के बाद मथुरा और काशी की बात कर रहे हैं, आपकी इस बारे में क्या राय है?
हमारे इलेक्शन एजेंडे में था कि संविधान के दायरे में रहकर हम अयोध्या मामले का समाधान करेंगे। आजादी के बाद से 70 वर्षों तक कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने जिस समस्या का समाधान नहीं होने दिया था, आज उस समस्या का समाधान हो गया है।

अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है और आगे भी प्रक्रिया को जारी रखेंगे। काशी में काशी विश्वनाथधाम के सौंदर्यीकरण की कार्य योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में युद्ध स्तर पर चल रही है। मथुरा के लिए हम लोगों ने बृज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है और विकास कार्य चल रहा है। हर एक जगह का विकास कार्य किया जा रहा है।

9. आप भूमि पूजन के लिए अयोध्या कब जा रहे हैं?
अभी तिथियां तय होंगी, तिथियां तय होने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे।

10. प्रदेश सरकार ने कई निवेश सम्मेलन किए हैं, आपने हाल ही में वेबिनार किए हैं, आप अब तक कितना निवेश ला पाए?
उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आया है। नई परिस्थितियों में निवेश की भारी संभावनाएं प्रदेश के अंदर बनी हैं। अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने के लिए प्रदेश में नए निवेश को आकर्षित कर रहे हैं, हमारा प्रयास होगा कि जितना अधिक से अधिक हो सके, निवेश को लेकर आएंगे।

11. लॉकडाउन के दौरान गंगा नदी अपेक्षाकृत निर्मल हुई है, यह स्वच्छ बनी रहे इसके लिए क्या कार्य योजना बना रहे हैं?
नमामि गंगे परियोजना के बाद प्रधानमंत्री जी ने जो संकल्प लिया था, मां गंगा के लिए वह चरितार्थ हुआ है। गंगा जी के 2500 किलोमीटर प्रवाह का सबसे क्रिटिकल पॉइंट कानपुर था। कानपुर में गंगाजी का पानी इतना प्रदूषित हो चुका था कि आचमन की बात तो दूर है, गंगा जी में कोई जलीय जीव भी नहीं बचा था।

करोड़ों लीटर सीवर वहां गिरता था। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण आज वहां एक बूंद भी सीवर नहीं गिरता है। आज वहां पर लोग न केवल स्नान करते हैं बल्कि गंगाजल का आचमन भी करते हैं। यह कानपुर की स्थिति है। इसका दूसरा परिणाम प्रयागराज कुंभ के साथ ही हमने वाराणसी में देखा है।

सीएम योगी कहते हैं, "लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियां बंद होने के कारण नदियां और शुद्ध होते हुए दिखाई दीं। वातावरण शुद्ध होता दिखाई दिया, हम प्रयास करेंगे कि औद्योगिक गतिविधि भी चलें और पर्यावरण भी शुद्ध बना रहे।"

12. कांग्रेस ने बसें दीं और आपने उनके प्रदेश अध्यक्ष को ही जेल में डाल दिया?
देखिए, यह एक फर्जीवाड़ा था। इन्होंने बस देने का ऑफर किया था। जब इनसे बस की सूची मांगी गई, तब उन्होंने कहा कि शाम तक दे देंगे। वेरीफिकेशन के बाद जो सूची हमें भेजी थी, इनमें से 294 वाहन ऐसे थे जिनके पास फिटनेस या बीमा नहीं था। 67 ऐसे थे जो ना ट्रक थे और ना बस थीं, यानीस्कूटर थे।

68 ऐसे थे जिनका कोई अता-पता ही नहीं था। 31 थ्री व्हीलर थे। ये लोग पंजाब से थ्री व्हीलर और स्कूटर से प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में लाने का सपना दिखा रहे थे। फिर राजस्थान परिवहन निगम की बसें लेकर पहुंचे। मैं एक बात पूछना चाहता हूं कि राजस्थान परिवहन निगम की बसें, क्या यह कांग्रेस की निजी बसें हैं। इस फर्जीवाड़े की सजा तो मिलनी ही चाहिए।

13. उत्तर प्रदेश की सीमा नेपाल से लगती है, आप भारत-नेपाल संबंध पर क्या राय रखते हैं?
भारत सरकार का संवाद राजनयिक स्तर पर बना हुआ है। उत्तर प्रदेश की सीमा नेपाल से लगती है। वह पूरी तरह से सुरक्षित है और आगे भी कोई समस्या नहीं है।

14. जिस स्पीड से योगी आदित्यानाथ फैसले लेते हैं, उस स्पीड सेनौकरशाही नहीं चल पाती है?
ऐसा नहीं है। हमने कोरोना से लड़ाई में टीम-11 का गठन किया और आज उसने जो स्पीड पकड़ी है, वह टीम वर्क का ही परिणाम है। सभी लोग काम कर रहे हैं। मैं विशुद्ध रूप से एक योगी हूं। निर्णय और कार्य करने की इच्छा शक्ति, स्पष्ट नीति और शुद्ध नियत होनी चाहिए। रिजल्ट अपने आप सामने आता है।



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सीएम योगी बताते हैं, "हम लोगों ने कोरोना से लड़ने के लिए अधिकारियों की टीम-11 का गठन किया। इसमें चीफ सेक्रेटरी से लेकर सभी विभागों के सेक्रेटरी शामिल हैं। हमारी यह टीम 25 मार्च से लेकर अब तक नियमित रूप से डेढ़ से दो घंटे की बैठक करती है।

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