जीवन में जब भी कोई विघ्न आता है तो कभी-कभी वह हमारी किस्मत बदल सकता है। वो हमें जीवन जीने का एक नया तरीका सिखा देता है। अभी जो बात सामने आई है वह अच्छी तो नहीं है, लेकिन उसमें से भी बहुत कुछ अच्छा निकलने वाला है।
पिछले कुछ सालों से हम ये कहने लगे थे कि हमारे पास समय नहीं है। अब हम ये सोच रहे हैं कि हमारे पास बहुत समय है। हम बार-बार बोल रहे थे मैं ट्रैफिक में थक गया, ऑफिस में थक गया, लेकिन आज कोई ट्रैफिक नहीं है। हमने प्रकृति से मांगा है समय को, संकल्प से सिद्धीहोती है इसलिए आज ये चीज हमारे सामने आ गई है।
अब हमें उस चीज का सही दिशा में उपयोग करना है। हमें याद ही नहीं है कि हम कब अपनी फैमिली के साथ इकट्ठे बैठे थे। कभी बैठे भी तो अक्सर कोई न कोई बाहर चला जाता था। यानी सब साथ नहीं होते थे। इस समय हमें बहुत ध्यान रखना पड़ेगा, क्योंकि सबके संस्कार अलग-अलग हैं। जिसके कारण संस्कारों का टकराव हो सकता।
इस समय हमें आंतरिक शक्ति, समाने की शक्ति, दूसरों को स्वीकार करने की शक्ति, सहयोग की शक्ति को बढ़ाना होगा।
कुछ समय पहले मैंने न्यूज पेपर में एक आर्टिकल पढ़ा था। उसमें लिखा था कि विदेश में त्योहारों की छुट्टी के समय तलाक की दर बढ़ जाती है। छुट्टी के दिनों में जब परिवार इकट्ठे होते हैं, तब रिश्तों के टूटने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि इससे पहले कभी वे इतनी देर साथ थे ही नहीं।
हमें इसका ध्यान रखना होगा। हमें घर की एनर्जी हाई करना है। हम अगर सिर्फ वायरस के बारे में बात करेंगे तो हम खुद भी परेशान होंगे, साथ में भविष्य का भय तो है ही। हमारे संस्कारों में टकराव ज्यादा होंगे। हमारी सहनशक्ति घटेगी। जब ऐसा बार-बार होगा तो हम एक-दूसरे से दूर होने लगेंगे। बच्चे पेरेंटस से दूर होने लगेंगे कि हर बात में चिढ़ रहे हैं, हर बात में तंग करते जा रहे हैं।
अपने समय को कैसे सफल करना है, अपने घर की एनर्जी को कैसे बढ़ाना है, इसके लिए एक दिनचर्या बनाते हैं। अपने घर को और परिवार को सुरक्षित रखना है तो सुबह-सुबह घर में टीवी पर नकारात्मक खबरें नहीं देखनी चाहिए, उठते ही फोन ऑन करने की जरूरत नहीं है।
जो हम इतने दिनों से कह रहे थे कि हमारे पास समय नहीं है, अभी तो आप अपने लिए एक घंटा तो निकाल ही सकते हैं। जब आप काम पर जाएंगे तो ये एक घंटा हमेशा की आदत बन जाएगा। इससे आपकी लाइफस्टाइल बदल जाएगी। एक घंटा पॉजिटिव कॉन्टेंट देखना है।
ब्रह्माकुमारीज में हम हर सुबह एक घंटे मेडिटेशन करते हैं, उसके बाद काम पर जाते हैं। वो एक घंटा हमारी जीवनशैली में फिट हो गया है। उस एक घंटे में हम अपनी आत्मा चार्ज करते हैं। परमात्मा का ज्ञान कि मैं कौन-सी आत्मा हूं, मुझे कैसा सोचना है, मुझे क्या कर्म करना है।
ये सुबह-सुबह हमारे अंदर भर जाता है। ये समय हमें इसके लिए मिला है कि हम सोने और उठने के समय को बदल लें। पहले हमारे पास एक कारण हुआ करता था कि हम लेट आते हैं क्या करें, लेट खाते हैं। ये समय मिला है पूरी जीवनशैली को 360 डिग्री शिफ्ट करने का। रात में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना, वह सब जो हम करना चाहते थे।
मन और शरीर दोनों के लिए समय पर सोना और समय पर उठना आवश्यक है। अगर हम रात के 11 बजे, 12 बजे सोते हैं, तो हम सोने के सबसे अच्छे समय को खो देते हैं। इसलिए रात को सोने का समय चेंज कर लीजिए। सुबह का एक घंटा मेडिटेशन और स्प्रिचुअल स्टडी के लिए रखिए।
आप एक घंटा वो सुनेंगे, पढ़ेंगे और देखेंगे जो आप बनना चाहते हैंं। जिसका मतलब है शुद्धता, शक्ति, खुशी, संवेदना, संतोष से जुड़ी चीजें पढ़ेंगे। जिसको हम आध्यात्मिक अध्ययन कहते हैं। फिर आप उस पर चिंतन करेंगे। उसके बारे में लिखेंगे कि मुझे लाइफ में इसको कैसे अपनाना है।
अभी हमें समय मिला है। अगर आप पहले से ही मेडिटेशन यानी ध्यान करते थे तो आप उसको जारी रखें। अगर नहीं करते थे तो ऑनलाइन ढूंढिए। अभी थोड़ा-थोड़ा सीखना शुरू कीजिए बाद में सेंटर पर भी जाकर सीख सकते हैं।
आप एक घंटा में व्यायाम भी कर सकते हैं। योगा कर सकते हैं, प्राणायाम कर सकते हैं। क्योंकि अभी हमारे पास समय है। अपने घर में हाई एनर्जी वाले गीत लगाइए। मतलब भजन, मंत्र, ओम की ध्वनि या जो आपको अच्छा लगे। परमात्मा की याद के गीत घर में बजने दीजिए।
इस समय आसपास का वातावरण दूषित है। आपको अपने घर की एनर्जी को बढ़ाना है। हाई एनर्जी वाले गाने आपके घर की ऊर्जा को शुद्धकरेंगे। सुबह से शुरू कर दीजिए चाहे धीमी आवाज पर ही रखिए। हाई एनर्जी के शब्द अपने घर में बजने दीजिए। यह आपके घर के वातावरण को शुद्धकर देगा। इस समय हमें अपनी सोच सही रखनी है। हमें क्राइम, वायलेंस के कन्टेंट नहीं देखने चाहिए। क्योंकि इससे हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
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