बॉर्डर के अलावाभारत पर अब एक नया खतरा मंडरा रहा है। ये खतरा है साइबर अटैक का। इस बात की चेतावनी साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफार्मा ने दी है। साइफार्मा के मुताबिक, चीन के हैकर्सने भारतीय कंपनियों की एक लिस्ट तैयार की है। ये उन कंपनियों की लिस्ट है, जिस पर चीनी हैकर साइबर अटैक करने की तैयारी में हैं।
- भारत के खिलाफ तैयारी-
भारत के लिए उत्तर कोरिया के हैकर्सने ncov2019@gov.in ईमेल आईडी बनाई है। इन हैकर्सके पास भारत के 20 लाख से ज्यादा लोगों के ईमेल हैं। इस आईडी से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई के लोगों को फ्री कोविड टेस्ट कराने का मेल भेजे जाने की तैयारी है, ताकि लोग ईमेल पर अपनी निजी जानकारियां साझा कर दें। हालांकि, चीनी हैकर्स के पास भारतीय कंपनियों की लिस्ट है, जिसमें ज्यादातर मीडिया कंपनियां शामिल हैं।
- चीन, पाकिस्तान के निशाने पर हम-
ऑनलाइन सिक्युरिटी फर्म सिमेंटेक कॉर्प की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा साइबर हमले झेलने वाला देश भारत है। 2016 से 2018 के बीच अमेरिका पर 255 और भारत पर 128 हमले हुए थे। भारत पर जो साइबर अटैक होते हैं, वो चीन, पाकिस्तान, रूस, यूक्रेन, वियतनाम और उत्तर कोरिया की तरफ से होते हैं।
चीनी हैकर्स भारत परकिस तरह कर सकते हैं साइबर अटैक?
ईमेल के जरिए दिए जवाब में साइफार्मा ने बताया कि चीन 4 तरीकों से भारत पर साइबर अटैक कर सकता है।
1. वेबसाइट डिफेंसिंग: इसमें सरकारी वेबसाइट को हैक कर उनका विजुअल अपीयरेंस बदल दिया जाता है।
2. फिशिंग या स्पीयर फिशिंग अटैक: इसमें हैकर ईमेल या मैसेज के जरिए लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही डेटा लीक हो जाता है।
3. बैकडोर अटैक : इसमें हैकर कम्प्यूटर में एक मालवेयर भेजा जाता है, जिससे यूजर की सारी इन्फोर्मेशन मिल सके।
4. हनी ट्रैपिंग :दूसरे देश के जासूस, हमारे देश के हाई लेवल के अधिकारियों से बात करने की कोशिश करते हैं और जानकारी निकलवाने की कोशिश करते हैं। या तो सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर या तो उनके साथ काम करने वाले किसी साथी की आईडी हैक कर सकते हैं।
उत्तर कोरिया के हैकर्सभी हमले की फिराक में हैं
- साइफार्मा के मुताबिक, चीनी हैकर ही नहीं, बल्कि उत्तर कोरिया के हैकर भी दुनियाभर के 6 देशों पर साइबर अटैक करने की फिराक में हैं। चीन और उत्तर कोरिया के बीच गहरी दोस्ती है। दोनों के बीच 1951 में एक समझौता भी हुआ था, जिसमें तय हुआ कि अगर दोनों में से किसी एक देश पर हमला होता है, तो दोनों एक-दूसरे की मदद करेंगे।
- साइफार्मा के मुताबिक, उत्तर कोरिया का एक हैकर ग्रुप LAZARUS दुनिया के 6 बड़े देशों पर साइबर अटैक करने की तैयारी में है। जिन 6 देशों पर हमला होने वाला है, उन सबमें एक कॉमन बात ये है कि इन देशों ने कोरोना से लड़ने के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। ये देश - सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, भारत और यूके हैं। साइबर अटैक करने के लिए इन हैकर्सने उन देश के सरकारी डोमेन से आईडी बनाई है और इससे लोगों को ईमेल किया जा रहा है।
कैसे होतासाइबर अटैक?
- फर्जी सरकारी आईडी बनाकर कैसे लोगों की निजी जानकारियों को चुराया जा सकता है? इस बारे मेंएथिकल हैकर कनिष्क सजनानी बताते हैं कि ऐसी फर्जी आईडी से ईमेल भेजना काफी आसान है। वैसे तो आजकल जो ईमेल प्रोवाइडर्स होते हैं, जैसे- जीमेल, याहू। ये खुद ही ऐसे ईमेल आने पर उन्हें स्पाम में डाल देते हैं। लेकिन, कई बार दूसरे ईमेल प्रोवाइडर और कस्टमाइज्ड सेटिंग्स की वजह से ऐसा हो सकता है कि ऐसे ईमेल आपके इनबॉक्स में दिख सकते हैं।
- कनिष्क कहते हैं कि ऐसा होने पर ऐसे ईमेल में दी गई किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। ऐसी लिंक आपको किसी वेबसाइट पर ले जाकर आपकी डिटेल्स मांग सकती है। या फिर कुछ ऐसा डाउनलोड करवा सकती है, जिससे आपके लैपटॉप या डेस्कटॉप पर एक ट्रोजन आ जाएगा। ट्रोजन एक तरह का मालवेयर होता है, जिससे आपका सारा डेटा लिया जा सकता है या आपको लाइव टाइम में देखा जा सकता है कि आप क्या कर रहे हैं? आप क्या सर्च कर रहे हैं?
सबसे ज्यादा अटैक फिशिंग और सोशल इंजीनियरिंग के
नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि भारत में जितने साइबर अटैक होते हैं, उनमें 57%हिस्सा फिशिंग ईमेल या सोशल इंजीनियरिंग का होता है। इस तरह के क्राइम में लोगों को या कंपनियों को फिशिंग ईमेल या मैसेज भेजे जाते हैं और जैसे ही उस मेल या मैसेज में दी गई लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उनकी सारी निजी जानकारी चोरी हो जाती है।
फिशिंग या सोशल इंजीनियरिंग के बाद 41% अटैक मालवेयर के होते हैं। 30% स्पीयर फिशिंग के होते हैं, जिसमें सिर्फ चुनिंदा लोगों या कंपनियों को टारगेट किया जाता है। उसके बाद 20% हमले डिनायल ऑफ सर्विस के होते हैं, जिससे किसी कंपनी की सर्विस बंद हो जाती है। और 19% हमले रैनसमवेयर के होते हैं, जिसमें यूजर के लैपटॉप या डेस्कटॉप पर फेक एंटीवायरस डाउनलोड हो जाता है।
कितनी बड़ी है चीनी हैकर आर्मी?
साइफार्मा के फाउंडर कुमार रितेश के मुताबिक चीनी आर्मी दुनिया का सबसे बड़ा हैकर ग्रुप है। इसकी शुरुआत 1990 के दशक से शुरू हुई थी। अब इसमें 3 लाख से ज्यादा हैकर काम करते हैं और इन ग्रुप्स को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और चीनी विदेश मंत्रालय से फंडिंग होती है। ये हैकर लगातार अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और साउथ ईस्ट एशिया के देशों पर साइबर अटैक करते रहते हैं।
दुनिया पर सबसे ज्यादा हमले रूस करता है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज्यादा साइबर अटैक रूस की तरफ से होते हैं। रूस में साइबर क्राइम का ब्लैक मार्केट करीब 2 अरब डॉलर (15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा) का है। यहां के हैकर्सको सरकार की तरफ से ही फंडिंग की जाती है। रूस के बाद चीन का नंबर है। अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में जितने साइबर अटैक होते हैं, उनमें से 30% चीन करवाता है।
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