24 घंटे में पैदल मार्च कर 100 किमी की दूरी तय कर ‘फिट इंडिया’ का अभियान चलाने वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आटीबीपी) के 58 वर्षीय महानिदेशक (डीजी) एसएस देसवाल अब एक और अभियान शुरू करने जा रहे हैं। नाम रखा है- ‘तोंद रहित 2020।’ इसमें न केवल जवानों को चुस्त रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी बल्कि अधिकारियों और उनकी पत्नियों को भी फिट रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके लिए आईटीबीपी उत्तराखंड के मसूरी सहित देशभर के अपने परिसर में ‘कपल फिटनेस कोर्स’ शुरू करने जा रहा है। अभियान में चीन से लगी एलएसी पर तैनात आईटीबीपी और पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ के 3.5 लाख जवानों को शामिल किया जाएगा।
आईटीबीपी महानिदेशक ने कहा- हमारे पास देशभर में 70-80 एकड़ के कई परिसर
58 वर्षीय आईटीबीपी महानिदेशक देसवाल ने कहा,‘हमारे पास देशभर में 70-80 एकड़ के कई परिसर हैं। यहां हम ओपन जिम, वॉकिंग और साइकिलिंग ट्रैक समेत वह सारी बुनियादी सुविधाएं देंगे, जिससे हमारे जवान, अधिकारी और उनके परिवार के लोग पूरी तरह से फिट रह सकें। दरअसल, हमारा मकसद यह है कि हमारे जवान, अधिकारी और उनके जीवनसाथी पूरी तरह सेहतमंद हों।’
उन्होंने कहा,‘खासकर रिटायरमेंट के बाद, जब शरीर ढलने लगता है। हमारे अधिकारी लंबे समय तक परिवारों से अलग रहते हैं और कभी-कभी उनकी सेहत संबंधी परेशानियां भी अनदेखी कर दी जाती हैं, इसलिए यह जरूरी हो गया है कि हम इस तरह के अभियान चरणबद्ध तरीके से लागू करें। इसमें जवानों-अफसरों को दी जाने वाली कड़ी ट्रेनिंग की तुलना में उनकी पत्नियों के लिए हल्के-फुल्के व्यायाम को शामिल किया गया है।चूंकि जीवनसाथी जीवन भर के लिए होता है और खुशहाल जीवन के लिए हमने उनके परिवार को भी इसमें शामिल किया है।’
लॉकडाउन के दौरान भी अपने जवानों को फिट रहने के लिए लगातार कसरत करते रहने की सलाह देने वाले देसवाल कहते हैं कि मैं देश का ऐसा सिपाही हूं, जो तब सबसे ज्यादा उपयोगी होता हूं, जब देश कोरोना महामारी जैसे संकट में हो।
आईटीबीपी के क्वारैंटाइन सेंटर में 1200 लोग ठीक हुए
आईटीबीपी के डीजी देसवाल का कहना है कि हमारे जवानों ने दिल्ली के छावला में 1000 बिस्तरों वाले क्वारैंटाइन सेंटर को स्थापित कर विदेशों से लाए गए लोगों का पूरा ख्याल रखा। इस सेंटर में इटली, फ्रांस और चीन के वुहान से भारत लाए गए लोगों को रखा गया था।
यहां से अब तक 1200 से ज्यादा लोगों को देखभाल के बाद सुरक्षित घर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि सेंटर की स्थापना के समय मुझे संदेह था कि हमारे जवान भी संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन हमारे जवानों ने इस काम को बेहतर तरीके से अंजाम दिया।
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