कोरोनावायरस महामारी के बीच जहां पूरा देश एक साथ मिलकर इसके खिलाफ जंग लड़ रहा है वहीं बॉलीवुड की कई हस्तियां भी इसमें बढ़ चढ़कर अपना योगदान दे रही हैं। हाल ही में जहां ऋचा चड्ढा ने जरुरतमंद लोगों को राशन दिया है वहीं सोनू सूद भी कई तरह से मदद का हाथ बढ़ाचुके हैं

ऋचा चड्ढा ने इकट्ठा कियाजरूरतमंदों के लिए राशन

ऋचा चड्ढा ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जानकारी मांगी थी कि थोक में राशन कहां मिलता है। ताकि वे पास के गुरुद्वारे में जाकर दान कर सकें। ऋचा ने अपने पोस्ट में लिखा था कि उन्हें कम से कम 600 किलो आटा, चावल, दाल आदि की आवश्यकता है। उनकी पोस्ट पढ़कर एक फैमिली ने उनकी मदद में 600 किलो राशन उपलब्ध कराया। जिसे लेकर ऋचा चड्ढा ने गुरुद्वारा को डोनेट कर दिया।

ऋचा चड्ढा ने बताया कि मुझे जब लोकल गुरुद्वारा के बारे में पता लगा कि रोजाना वहां लोगों को खाना खिलाया जाता है और यहां 250 किलो आंटे की खपत होती है, तभी संकल्प लिया कि इस गुरुद्वारा को थोक में राशन पहुंचाऊंगी। मैंने तुरंत अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला कि मुझे थोक सामान की आवश्यकता है।

सोनू सूद ने कीसैकड़ों प्रवासी मजदूरों की घर जानें की व्यवस्था

सोनू सूद आधिकारिक तौर पर बॉलीवुड के ऐसे कलाकार बन गए हैं जो असहाय प्रवासियों को घर भेजने के लिए परिवहन की व्यवस्था करा रहे हैं।सोनू ने कई बस सेवाओं का आयोजन किया है जो प्रवासियों को उनके घर वापस भेजने में मदद करेगा और सभी कोरोनोवायरस के इस कठिन समय में अपने परिवारों के साथ एकजुट हो पाएंगे।

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कर्नाटका और महाराष्ट्र सरकार से अनुमति लेने के बाद सोनू सूद ने इन प्रवासियों के यात्रा और भोजन का प्रबंध किया है। सोमवार को महाराष्ट्र के ठाणे से गुलबर्गा के लिए कुल दस बसें रवाना हुईं। इतना ही नहीं बल्कि सोनू सूद खुद भी वहां पहुंचकर प्रवासियों का हाल जाना और उन्हें यहां से घर के लिए विदा किया। सोनू सैकड़ों बेघर मजदूरों को सड़क पर चलते हुए देखकर भावुक हो गए थे।

इसके अलावा सोनू सूद ने हाल में ही पंजाब के डॉक्टर्स को 1,500 पीपीई किट्स डोनेट किया। इतना ही नहीं बल्कि वो रमजान के इस पावन अवसर पर भिवंडी के हजारों प्रवासी मज़दूरों को भोजन प्रदान कर रहे हैं| इससे पहले इस प्रतिभाशाली अभिनेता ने मुंबई में स्थित अपना होटल मेडिकल स्टॉफ के रहने के लिए दिया था|

इन सेलेब्स ने की LGBT समुदाय की मदद

1.3 अरब की आबादी वाले इस देश में तकरीबन 20 लाख लोग ट्रांसजेंडर हैं। ये लोग अपना गुजारा या तो सड़कों पर भीख मांगकर करते हैं या फिर सामाजिक कार्यक्रमों से हासिल होने वाले पैसों से। ऐसे में 'बधाई हो' फिल्म के निर्देशक अमित शर्मा, उद्योगपति नेस वाडिया, निर्माता गरिमा‌ अरोड़ा,‌ 'मनमर्जियां' जैसी फिल्म लिख चुकीं कनिका ढिल्लन की नेक पहल के चलते फूल वर्षा फाउंडेशन और नमम्योहो दान जैसे संगठन अधिक से अधिक जरुरतमंद लोगों को खाना खिलाने‌ के मिशन में जुटे हैं।



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