प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के दौर में मंगलवार को पांचवीं बार राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। साथ ही, लोकल प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा- हमें लोकल के लिए वोकल (vocal about local) होना पड़ेगा। यानी आज से हर भारतवासी को न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन और लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है। लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है। हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।’’

इसे जीवन मंत्र बनाएं
मोदी ने आगे कहा, “समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आपको जो आज ग्लोबल ब्रांड लगते हैं, वो भी कभी ऐसे ही लोकल थे। जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल और प्रचार शुरू किया। उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए। इसलिए, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने तो हर बार आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है।’’

लोकल की मिसाल भी दी
प्रधानमंत्री ने स्थानीय उत्पादों यानी लोकल प्रोडक्ट्स को लेकर खादी की मिसाल दी। कहा, “मैं गर्व के साथ एक बात महसूस करता हूं, याद करता हूं। जब मैंने आपसे, देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था। तब ये भी कहा था कि देश के हैंडलूम वर्कर्स को सपोर्ट करें। आप देखिए, बहुत ही कम समय में खादी और हैंडलूम, दोनों की ही डिमांड और बिक्री

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